एक तरफ कोरोना महामारी से परेशानी का सामना कर पड़ रहा है तो दूसरी तरफ सरयू (घाघरा) नदी के बाढ़ से लोग कराह रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष व बांसडीह के विधायक राम गोविंद चौधरी लगातार अपने क्षेत्र पर नजर रखे हुए हैं. बता दें कि सरयू नदी के बाढ़ का पानी घरों तक जा पहुंचा है. ऐसे में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि जिला प्रशासन भी अपने स्तर से कोई चूक नहीं करना चाहता है.
समाजवादी पार्टी इस संकट की घड़ी में हर तरह से तैयार है
ग्रामीण बोले, बाढ़ प्रभावित गाँवो में अभी तक कोई नहीं आया
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र महराजपुर, महादनपुर, चकविलयम, दीयरा भांगर, भोजछपरा आदि गाँवों में अभी तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी यहां पीड़ितों का हालचाल नहीं लिया. बाढ़ पीड़ितों में ईश्वरदेव, रामनाथ, बालखण्डी यादव, उमेश आदि का कहना है कि कोई भी अधिकारी आ रहा है तो चांदपुर बाढ़ चौकी से ही लौट जा रहा है. हम लोगो के पास पशुओं के खिलाने के लिये चारा की व्यवस्था तक नहीं है. रहने के लिए घर नहीं है. हम लोग दियारा क्षेत्र छोड़कर बन्धे पर शरण लेने को मजबूर हैं.
पीड़ितों को केवल ट्रिपल ही मिल पाया
चांदपुर कोल कला बगीचा और भोजछपरा, महराजपुर आदि बाढ़ प्रभावित गाँवों के लोग बन्धे पर शरण लिए हुए हैं. बाढ़ प्रभावित अवधेश बिंद, गणेश, बीरबहादुर,, बिजय, बिगन, शूकर, सुखराम, सुखारी, बिनोद आदि पीड़ितों ने कहा कि केवल तिरपाल ही मिला है और कुछ नहीं.
बांसडीह क्षेत्र के ककर्घट्टा, कोटवा, मलाहीचक, सुलतानपुर, ताहिरपुर, टिकुलिया, पर्वतपुर, जयनगर, खेवसर, रघुवर नगर, रामपुर नम्बरी आदि गाँवों के घरों तक पानी पहुँच चुका है. सरयू नदी के कटाव को गाँवो में बोरियों में ईंट भरकर युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है. रिगवन छावनी से पर्वतपुर, जयनगर, रिंगबन्धा पर उपजिलाधिकारी दुष्यंत कुमार मौर्य, तहसीलदार गुलाबचन्द्रा, नायब तहसीलदार अंजू यादव, बाढ़ बिभाग के अधिकारी इंद्राज गौतम आदि चक्रमण करते दिखे.
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