कोरोना वायरस: 600 पूर्व मिलिट्री डॉक्टर्स को ड्यूटी पर बुलाया गया, सेना ने रक्षा मंत्री को दी जानकारी

कोरोना से जंग में लड़ने के लिए 600 पूर्व-मिलिट्री डॉक्टर्स भी जुट गए हैं. ये सभी सेना के वे डॉक्टर्स हैं जो पिछले 2-3 साल में फौज से रिटायर हुए थे या फिर प्री-मेच्योर रिटायरमेंट लिया था. इस बावत खुद सेना ने रक्षा मंत्री को जानकारी दी है.

शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोरोना के खिलाफ जंग में सेना और रक्षा संस्थानों के प्रयासों के लिए एक वर्चयुल समीक्षा बैठक की. इस बैठक में सीडीएस, जनरल बिपिन रावत, सेना के तीनों अंगो (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के प्रमुखों सहित डीआरडीओ चैयरमैन और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ट अधिकारी मौजूद थे.

600 डॉक्टर्स को वापस ड्यूटी पर बुलाने का फैसला लिया है

मीटिंग के दौरान रक्षा मंत्री को बताया गया कि आर्म्ड फोर्सेज़ मेडिकल सर्विस (एएफएमएस) ने 600 ऐसे डॉक्टर्स को वापस ड्यूटी पर बुलाने का फैसला लिया है, जो पिछले कुछ समय में रिटायर हुए हैं या फिर स्वेच्छा से रिटायरमेंट लिया है. इन सभी को सेना के अस्पतालों में तैनात किया जाएगा. क्योंकि सेना के अस्पतालों को आम  लोगों के लिए खोल दिया गया है इसलिए अतिरिक्त डॉक्टर्स और पैरा-मेडिकल स्टाफ की सख्त जरूरत है.

मीटिंग में ये भी जानकारी दी गई कि नौसेना ने अपने 200 बैटल-फील्ड नर्सिंग अस्सिटेंट्स को भी अलग-अलग अस्पतालों में तैनात किया है. एनसीसी के करीब 300 कैडेट्स को उत्तराखंड, महाराष्ट्र और हरियाणा में कोविड के खिलाफ स्थानीय प्रशासन की मदद में लगाया गया है.

इसके अलावा डीआरडीओ के चैयरमैन ने बताया कि अगले दो-तीन दिन में लखनऊ में डीआरडीओ का कोविड हॉस्पिटल शुरू हो जाएगा. इसके अलावा वाराणसी में भी 5 मई को अस्पताल शुरू हो जाएगा. डीआरडीओ ने ये भी बताया कि हैदाराबाद स्थित डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्पलेक्स से 200 ऑक्सीजन सिलेंडर आंध्रा-प्रदेश सरकार को सौपें गए हैं. इसके अलावा 50-50 सिलेंडर तिरूपति मंदिर संस्थान और सिकंदराबाद कैंटोनमेंट बोर्ड को दिए गए हैं. 

टेलीकंस्लटेशन सर्विस भी शुरू की है

इसके अलावा सेना ने सैनिकों, पूर्व-फौजियों और उनके परिवारवालों के लिए ‘सेहत-ओपीडी’ नाम की एक ऑन-लाइन टेलीकंस्लटेशन सर्विस भी शुरू की है ताकि घर बैठे ही डॉक्टर्स से सलाह ली जा सके.

इस बीच खबर है कि नौसेना ने अपने सात युद्धपोतों को ऑपरेशन समुद्र-सेतु के तहत अलग-अलग देशों में लिक्विड ऑक्सीन लाने के लिए भेज दिया है. आईएनएस तलवार जहाज तो बहरीन के मनाम बंदरगाह से 40 मैट्रिक टन (एमटी) ऑक्सीजन लेकर मुंबई के लिए निकल चुका है. इसके अलावा आईएनएस कोलकता भी बहरीन पहुंच चुका है.

नौसेना के प्रवक्ता के मुताबिक, आईएनएस ऐरावत युद्धपोत भी सिंगापुर पहुंचने वाला है और आईएनएस जलाश्व भी बैंकॉक के लिए निकल चुका है. इसके अलावा आईएनएस कोच्चि, त्रिकंड, तबर और शरदूल को भी ऑपरेशन समुद्र-सेतु में लगा दिया गया है. ये सभी वॉरशिप विदेशों से भरे हुए ऑक्सीजन टैंकर्स भारत लेकर आएंगे.

वायुसेना के एयरक्राफ्ट्स भी मित्र-देशों से खाली ऑक्सीजन टैंकर्स लाने में जुटे हैं. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, शनिवार दोपहर तक वायुसेना के अलग-अलग विमान विदेशों के लिए 28 उड़ान भर चुके हैं और 830 एमटी क्षमता वाले ऑक्सीजन टैंकर्स भारत ला चुके हैं. भारत में भी वायुसेना अबतक 158 उड़ान भर चुकी है और 2271 एमटी ऑक्सीजन क्षमता वाले 109 टैंकर्स एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा चुके हैं.

कोविड केयर सेंटर के लिए 150 वेंटिलेटर देने का आदेश दिया है

डिफेंस पीएसयू यानि पब्लिक सेक्टर यूनिट्स भी अबतक 28 ऑक्सीजन प्लांट्स का ऑर्डर कर चुके हैं ताकि कोरपोरेट सोशल रेसपोंसेबिलेटी (सीएसआर) के तहत राज्य सरकारों को दिए जा सकें. 

इस बीच पीएमओ ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को आईटीबीपी के राजधानी दिल्ली स्थित सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर के लिए 150 वेंटिलेटर देने का आदेश दिया है. ये सभी वेंटिलेटर्स पीएम-केयर फंड से आईटीबीपी के अस्पताल को दिए जाएंगे. खुद आईटीबीपी के महानिदेशक, एस एस देसवाल ने इस बावत पीएमओ से आग्रह किया था. क्योंकि अभी तक इस हॉस्पिटल में ऑक्सीजन बेड्स तो थे लेकिन वेंटिलेटर एक भी नहीं था.

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *