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नई दिल्लीएक घंटा पहले
भारतीय फुटबॉल कोच इगोर स्टिमैक ने प्रवासी भारतीय (OCI) खिलाड़ियों को टीम में शामिल करने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि भारत के फुटबॉल टीम को अगर मजबूत बनाना है तो विदेश में रह रहे भारतीय नागरिकों को नेशनल फुटबॉल टीम में जगह देनी होगी। टीम इंडिया को हाल ही में UAE के खिलाफ एक फ्रेंडली मैच में 6-0 से हार का सामना करना पड़ा था। यह टीम को मिली सबसे बड़ी शिकस्त में से एक है।
अफगानिस्तान जैसे देश ने प्रवासी नागरिकों को दी जगह
स्टिमैक ने कहा, ‘कभी-कभी मुझे लगता है कि हमारे पास दूसरी टीम जैसे अफगानिस्तान और बांग्लादेश को लेकर कई सारे ओपिनियन हैं। मैं लोगों को एक बात बताना चाहता हूं कि अफगानिस्तान ने जैसे छोटे देश ने विदेश में रह रहे अपने देश के नागरिकों को टीम में जगह देने की परमिशन दे रखी है। उनकी टीम में यूरोपियन लीग में खेलने वाले 13 खिलाड़ी हैं।
इगोर स्टिमैक के नेतृत्व में भारतीय फुटबॉल टीम AFC एशिया कप, चीन, 2023 के लिए क्वालीफाई करने की राह पर है। टीम को हाल ही में UAE ने 6-0 से हराया था।
बांग्लादेश फुटबॉल टीम ने भी 3+1 की पॉलिसी अपनाई
स्टिमैक ने कहा कि अफगानिस्तान के लिए खेलने वाले यह सभी खिलाड़ी जर्मनी, पोलैंड, फिनलैंड, नीदरलैंड और स्वीडन जैसे देश में खेल रहे हैं। 2 खिलाड़ी ऑस्ट्रेलियाई क्लब में और एक खिलाड़ी USA के टॉप डिविजन में है। बांग्लादेश ने 3+1 की पॉलिसी बना रखी है। इससे उनके लीग में भी अच्छे खिलाड़ी शामिल हो रहे।
पूर्व कोच कॉन्सटेन्टाइन ने भी AIFF से विचार करने कहा था
भारत ने मई, 2019 के बाद से सिर्फ एक मैच थाईलैंड के खिलाफ जीता है। हालांकि, टीम ने कतर और ओमान जैसी टीमों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया और कड़ी टक्कर दी। टीम में इंडियन ओरिजिन के खिलाड़ियों को शामिल करने की बहस काफी समय से चली आ रही है। पूर्व कोच स्टीफन कॉन्सटेन्टाइन ने भी भारतीय फुटबॉल फेडरेशन से इस पर विचार करने कहा था।
फुटबॉल कोच स्टिमैक को एक्सपेरिमेंट शब्द पसंद नहीं
स्टिमैक ने कहा कि उन्हें एक्सपेरिमेंट शब्द पसंद नहीं है। उन्होंने UAE से पहले ओमान के खिलाफ फ्रेंडली मैच में 10 खिलाड़ियों को डेब्यू कराया था। उन्होंने कहा कि एक्सपेरिमेंट तब होता है जब आप खिलाड़ी को ऐसे जगह खिलाते है जहां वह पहले कभी नहीं खेला हो। मुझे प्रयोग शब्द पसंद नहीं, क्योंकि हम जो कर रहे हैं, वह प्रयोग नहीं है।
भारत के पूर्व कप्तान सुनील छेत्री स्वास्थ्य समस्या के कारण टीम का हिस्सा नहीं थे।
भारतीय टीम में मौजूद सभी खिलाड़ी ISL में फॉर्म में थे
स्टिमैक ने कहा कि हम एक भी ऐसे खिलाड़ी को दुबई लेकर नहीं आए, जिसने इंडियन सुपर लीग (ISL) में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। हम हालांकि बीमारी , चोट या खराब फार्म के चलते राहुल बेके, सेरितोन फर्नांडीज, आशीष राय, ब्रैंडन फर्नांडीज, अब्दुल साहल, उदांता सिंह और सुनील छेत्री को टीम में शामिल नहीं कर पाए।
भारतीय टीम को अच्छी टीमों के खिलाफ मैच खेलना होगा
कोच स्टिमैक ने कहा कि क्वालिफायर्स मुकाबले से पहले नए खिलाड़ियों को परखने का हमारे पास यही एक मौका था। टीम को सुधार के लिए कमजोर प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ खेलना छोड़कर मुश्किल और चुनौतीपूर्ण फैसले लेने होंगे। पिछले कोच कॉन्सटेन्टाइन से तुलना पर स्टिमैक ने खुद को उनसे बेहतर बताया।
सुनील छेत्री (दाएं) के साथ पूर्व कोच स्टीफन कॉन्सटेन्टाइन।
स्टिमैक ने खुद को पूर्व कोच कॉन्सटेन्टाइन से बेहतर बताया
स्टिमैक ने कहा कि पिछले वर्ल्ड कप क्वालीफायर्स (2018) में भारतीय टीम 7 हार और 1 जीत के साथ आखिरी पायदान पर थी। तब टीम को शुरुआती 5 मैचों में हार का सामना करना पड़ा था। अब शुरूआती 5 मैचों में हमारे 3 अंक हैं और गोल अंतर भी बेहतर है। हम AFC एशिया कप, चीन, 2023 के लिए क्वालीफाई करने की राह पर हैं।
फ्रांस की वर्ल्ड कप विनिंग टीम में 87% प्रवासी खिलाड़ी
2018 फीफा वर्ल्ड कप जीतने वाली फ्रांस की फुटबॉल टीम 87% प्रवासी या फिर प्रवासी नागरिक के बच्चों से बनी थी। 2014 तक के आंकड़ों के मुताबिक यूरोपियन देशों में लगभग 6 मिलियन प्रवासी लोग रह रहे हैं। इनमें से ज्यादातर अफ्रीकी देशों से लाए गए लोगों ने यूरोपियन देशों की प्रगति में अहम भूमिका निभाई है। हाल ही में चीन ने विदेश में पैदा हुए 3 फुटबॉलर्स को अपनी नेशनल टीम में जगह दी थी। वहीं, कतर ने भी विदेशी खिलाड़ियों को अपनी टीम में शामिल किया है।
प्रवासी भारतीयों को टीम में शामिल करने की राह मुश्किल
हालांकि, भारत दोहरी नागरिकता नहीं देता है। जिन फुटबॉलर्स के पास भारत की नागरिकता है, केवल वही नेशनल टीम के लिए खेल सकते हैं। इसके लिए AIFF (ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन) को प्लेयर्स ऑफ इंडियन ओरिजिन (POI) और ओवरसीज सिटिजंस ऑफ इंडिया (OCI) को नेशनल रोस्टर में शामिल करना होगा।
भारतीय मूल के कई खिलाड़ी अलग-अलग लीग में खेल रहे
भारतीय मूल के कई बेहतरीन खिलाड़ी विदेशी लीग में अपनी पैठ जमा रहे हैं। इनमें सेंटर फॉरवर्ड रॉय कृष्णा, सेंटर अटैकिंग-मिडफील्डर यन ढांढा, सेंटर-बैक डैनी बाथ और सेंट्रल मिडफील्डर सरप्रीत सिंह शामिल हैं। बाथ का परिवार पंजाब से ताल्लुक रखता है। 2017 में वह भारत आए थे और मुंबई में एक फीफा वर्ल्ड कप क्वॉलीफायर के दौरान पूर्व भारतीय कोच कॉन्सटेन्टाइन से मुलाकात भी की थी। बाथ ने भारत के लिए खेलने की इच्छा जताई थी और पूर्व खेल मंत्री विजय गोयल से मुलाकात भी की थी।