
सीखें प्राणायाम सविता यादव से
Yoga Session For Increase Oxygen Level And Lung Capacity- कोरोना (Corona) महामारी के समय फेफड़े मजबूत रहना और शरीर के हर हिस्से में ऑक्सीजन का प्रवाह होना बेहद जरूरी है. इन प्राणायाम से शरीर में ऑक्सीजन लेवल तो बढ़ेगा ही फेफड़े भी मजबूत होंगे….
Yoga Session For Increase Oxygen Level And Lung Capacity- कोरोना (Corona) महामारी के समय घर पर बैठे लोगों के लिए शरीर को फिट (Fit) और हेल्दी (Healthy) रखना बहुत जरूरी है. खासकर ऐसे समय में फेफड़े मजबूत रहना और शरीर के हर हिस्से में ऑक्सीजन का प्रवाह होना बेहद जरूरी है. प्राणायाम से ऐसा संभव है. दिनभर में कम से कम एक घंटा प्राणायाम पर जरूर दें. इन अभ्यासों को करने से न केवल मनुष्य स्वस्थ (Healthy) रह सकता है बल्कि उसे हर प्रकार के तनाव (Stress) से भी मुक्ति मिलती है. प्राणायाम एक कला है और इसका अभ्यास धीरे-धीरे करना चाहिए. अभ्यास करते हुए ही यह एक आदत के रूप में उभर कर आएगा. फेसबुक के इस लाइव सेशन में कुछ ऐसे प्राणायाम बताए गए जिनकी मदद से शरीर में ऑक्सीजन लेवल तो बढ़ेगा ही फेफड़े भी मजबूत होंगे…. सांस के व्यायाम: ऊं का उच्चारण करते हुए सांस को फेफड़ों में धीरे-धीरे भरें. सांस को क्षमता अनुसार कुछ देर रोकें और फिर सांस को बाहर छोड़ें. अपनी क्षमता अनुसार इस व्यायाम करें. यह भी पढ़ें: Covid 19 Second Wave: सांस लेने का यह है जादुई तरीका, फेफड़े होंगे मजबूत, कोरोना रहेगा दूर अब्ड़ोमिनल ब्रीदिंग: गहरी सांस पेट तक भरें और बाहर छोड़ें. इस बात का ख्याल रखें कि धीरे धीरे सांस लेनी है और धीरे-धीरे ही सांस छोड़नी है. सांस लेने और छोड़ने की अवधि समान होनी चाहिए.थोरेसिक ब्रीदिंग: गहरी सांस फेफड़ों तक भरें और बाहर छोड़ें. इस बात का ख्याल रखें कि धीरे धीरे सांस लेनी है और धीरे-धीरे ही सांस छोड़नी है. इससे शरीर के हर भाग तक ऑक्सीजन पहुंचती हैं. भस्त्रिका: सबसे पहले ध्यान या वायु मुद्रा में बैठकर भस्त्रिका व्यायाम करें. यह मुख्य रूप से डीप ब्रीदिंग है. करीब पांच मिनट तक रोजाना डीप ब्रीदिंग करें, इससे आपका रेस्पिरेटरी सिस्टम मजबूत हो जाएगा. पूरा सांस फेफड़ो में भरें और खाली करें. इसे कम से कम 5 मिनट तक करें. अगर आप नए अभ्यासी हैं तो इसे आराम से धीरे-धीरे करें.
यह भी पढ़ें: सूर्य नमस्कार से शरीर में होगा एनर्जी फ्लो, सीखें सविता यादव से कपालभारती: अगर आपको फेफड़ों की , हर्निया, अल्सर, हार्ट की समस्या है या कोविड से रिकवर किया है तो कपालभारती ना करें. कपालभारती करने के लिए रीढ़ को सीधा रखते पद्मासन में बैठ जाएं. इसके बाद तेजी से नाक के दोनों छिद्रों से सांस को यथासंभव बाहर फेंकें. साथ ही पेट को भी यथासंभव अंदर की ओर संकुचित करें. इसके तुरंत बाद नाक के दोनों छिद्रों से सांस को अंदर खीचतें हैं और पेट को यथासम्भव बाहर आने देते हैं. अनुलोम विलोम प्राणायाम: सबसे पहले पालथी मार कर सुखासन में बैठें. इसके बाद दाएं अंगूठे से अपनी दाहिनी नासिका पकड़ें और बाई नासिका से सांस अंदर लें लीजिए. अब अनामिका उंगली से बाई नासिका को बंद कर दें. इसके बाद दाहिनी नासिका खोलें और सांस बाहर छोड़ दें. अब दाहिने नासिका से ही सांस अंदर लें और उसी प्रक्रिया को दोहराते हुए बाई नासिका से सांस बाहर छोड़ दें. अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे: फेफड़े मजबूत होते हैं. बदलते मौसम में शरीर जल्दी बीमार नहीं होता. वजन कम करने में मददगार है. पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाता है. तनाव या डिप्रेशन को दूर करने के लिए मददगार है. गठिया के लिए भी फायदेमंद है.
यह भी पढ़ें: सूर्य नमस्कार से शरीर में होगा एनर्जी फ्लो, सीखें सविता यादव से कपालभारती: अगर आपको फेफड़ों की , हर्निया, अल्सर, हार्ट की समस्या है या कोविड से रिकवर किया है तो कपालभारती ना करें. कपालभारती करने के लिए रीढ़ को सीधा रखते पद्मासन में बैठ जाएं. इसके बाद तेजी से नाक के दोनों छिद्रों से सांस को यथासंभव बाहर फेंकें. साथ ही पेट को भी यथासंभव अंदर की ओर संकुचित करें. इसके तुरंत बाद नाक के दोनों छिद्रों से सांस को अंदर खीचतें हैं और पेट को यथासम्भव बाहर आने देते हैं. अनुलोम विलोम प्राणायाम: सबसे पहले पालथी मार कर सुखासन में बैठें. इसके बाद दाएं अंगूठे से अपनी दाहिनी नासिका पकड़ें और बाई नासिका से सांस अंदर लें लीजिए. अब अनामिका उंगली से बाई नासिका को बंद कर दें. इसके बाद दाहिनी नासिका खोलें और सांस बाहर छोड़ दें. अब दाहिने नासिका से ही सांस अंदर लें और उसी प्रक्रिया को दोहराते हुए बाई नासिका से सांस बाहर छोड़ दें. अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे: फेफड़े मजबूत होते हैं. बदलते मौसम में शरीर जल्दी बीमार नहीं होता. वजन कम करने में मददगार है. पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाता है. तनाव या डिप्रेशन को दूर करने के लिए मददगार है. गठिया के लिए भी फायदेमंद है.