केंद्र सरकार ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा, दिल्ली को ऑक्सीजन आवंटन का है मामला

दिल्ली में कोरोना से बिगड़ते हालातों, ऑक्सीजन की कमी, अस्पतालों में बेडों की कमी और दवाइयों की कमी के मुद्दे पर आज लगातार 12 दिन भी हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रही. वैसे तो आज रविवार था और आमतौर पर कोर्ट में छुट्टी रहती है लेकिन आज की सुनवाई केंद्र सरकार की तरफ से दायर की गई उस अर्जी पर हुई जिसमें केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट से शनिवार के आदेश में बदलाव की मांग की थी.

केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट से कहा कि हाईकोर्ट ने शनिवार को जो आदेश दिया था जिसमें कहा था कि दिल्ली को उसके कोटे की 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है. साथ ही किसी भी सूरत में वह ऑक्सीजन दिल्ली तक पहुंचाए और ऐसा नहीं होने पर कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई करने पर विचार कोर्ट विचार कर रही है.

ऑक्सीजन को प्लांट से मंगाने का काम राज्य सरकारों का है

केंद्र सरकार ने कहा कि हाईकोर्ट का ये आदेश सही नहीं है क्योंकि केंद्र का काम राज्यों के लिए ऑक्सीजन का कोटा तय करने का है जबकि ऑक्सीजन को प्लांट से मंगाने का काम राज्य सरकारों का है. छोटे से छोटा राज्य अपनी ऑक्सीजन खुद ही मंगा रहा है जबकि दिल्ली के साथ दिक्कत यह है कि उसके पास ऑक्सीजन मंगाने के लिए टैंकर नहीं है और इस वजह से यह किल्लत हो रही है.

केंद्र सरकार ने कहा कि हाईकोर्ट के इस आदेश से पूरे देश में अजीब से हालात बन सकते हैं क्योंकि फिर हर एक राज्य केंद्र सरकार से ही ऑक्सीजन राज्य तक पहुंचाने की मांग करेगा जो सही नहीं होगा. कोर्ट ने फिलहाल अपने शनिवार के आदेश पर कोई रोक तो नहीं लगाई लेकिन केंद्र की अर्जी पर अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर गुरुवार तक जवाब देने को कहा है.

रविवार को हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि हमारे लिए देश के सभी राज्यों का ध्यान रखना ज़रूर. हम दिल्ली को पूरी तरह से मदद के लिए तैयार हैं. शनिवार को कोर्ट ने जो अवमानना की कार्रवाई की बात की थी उसको लेकर  केंद्र सरकार के वकील ने हाइकोर्ट से कहा कि स्थिति को देखते हुए कार्रवाई की जाए. शनिवार को कोर्ट ने कहा था कि केंद्र दिल्ली को हर हालत में 490MT ऑक्सीजन दे नहीं दी तो करेंगे कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई. केंद्र ने कहा कि हम सहयोग के लिये तैयार पर दूसरी तरफ (दिल्ली सरकार) की तरफ से भी उसी तरह का सहयोग मिलना ज़रूरी.

दिल्ली को उसके कोटे की ऑक्सिजन नहीं मिली- दिल्ली सरकार

दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि आज तक दिल्ली को उसके कोटे की ऑक्सिजन नहीं मिली. दिल्ली सरकार ने कहा कि अब तो अधिकारी उपराज्यपाल के अधीन आ गए हैं 27 अप्रैल के नोटिफिकेशन के बाद. दिल्ली सरकार ने कहा कि जितना मुमकिन है हम टैंकर का इंतजाम कर रहे हैं पर अभी के माहौल में टैंकर मिलने में दिक्कत आ रही है. दिल्ली सरकार ने कहा कि ऑक्सिजन की तरह ही देश भर टैंकर्स को भी केंद्र अपने अधीन ले और ज़रूरत के हिसाब से राज्यों को दें. दिल्ली सरकार ने कहा कि बाकी राज्यों को दिक्कत इस वजह से नहीं हुई क्यों कि उन्होंने जितनी मांगी वो मिली.

इस बीच दिल्ली सरकार के वकील ने केंद्र सरकार के ऊपर पक्षपात पूर्ण रवैया का आरोप लगाया. दिल्ली सरकार केंद्र ने कहा कि केंद्र ने हमारी ऑक्सिजन सप्लाई को प्रभावित किया, हमारे टैंकर्स को ऑक्सिजन नहीं मिल रही. दिल्ली सरकार ने कहा कि हमने 7 टैंकर्स का इंतज़ाम किया, 133MT की सप्लाई इसके जरिये हम सुनिश्चित कर पा रहे हैं. दिल्ली सरकार के वकील ने सवाल पूछा केंद्र ने 100 MT और दी है क्या उसके लिए केंद्र मदद नहीं कर सकता. आखिर दिल्ली के लिए केंद्र कुछ क्यों नहीं कर सकता.

दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि हमने टैंकर्स को लेकर अडानी से बात की है लेकिन लिंडे की तरफ से उस पर आपत्ति दर्ज करवा दी गई. कहा गया कि यह टैंकर ऑक्सीजन लाने ले जाने के लिए ठीक नहीं है. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि अगर कोई अधिकारी सहयोग नहीं कर रहा है तो केंद्र के पास उनके तबादले का अधिकार है इससे पहले भी ऐसा होता रहा है तो अब केंद्र को किसने रोका है.

दिल्ली को इतनी दिक्कत टैंकर को लेकर क्यों आ रही है

केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि दिल्ली सरकार के साथ जो अधिकारी काम कर रहे हैं वह दिन रात काम करने में लगे हुए हैं और इसमें कोई दो राय नहीं है. केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि दिल्ली सरकार के नोडल अधिकारी को बताया गया कि 8 टैंकर के इंतजाम को लेकर एक बैठक है लेकिन वह बैठक में नहीं आए. केंद्र सरकार ने कहा कि यहां पर आरोप प्रत्यारोप की बात नहीं है लेकिन अगर लक्षदीप तक अपने लिए टैंकर का इंतजाम कर सकता है तो दिल्ली को इतनी दिक्कत क्यों आ रही है.

केंद्र सरकार ने कहा कि यह एक सिस्टम में बड़ी खामी है जिसके चलते बार-बार दिक्कतें आ रही है कई बार अस्पताल जब ऑक्सीजन खर्च होने वाली होती है उसे कुछ देर पहले कोर्ट का दरवाजा खटखटा आते हैं और उसके बाद शुरू होती है आखिरी मिनटों का ऑक्सीजन का इंतजाम करने की कोशिशें. क्या ऐसा नहीं हो सकता कि अस्पताल काफी देर पहले ही इस बात की जानकारी दे दें कि उनके पास कितनी देर की ऑक्सीजन है जिसे की आखिरी मौके पर ऑक्सीजन के लिए भागदौड़ ना करनी पड़े.

हालांकि केंद्र सरकार के वकील ने साफ किया कि सिस्टम फेल होने का मतलब यह नहीं कि सरकार फेल हो रही है. केंद्र सरकार के वकील ने फिर कहा कि सिस्टम पहले को लेकर जो उन्होने बात कही है उसका मतलब राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. सिस्टम फैलियर का मतलब यह नहीं कि राजनीतिक नेतृत्व फेल हो गया.

सैकड़ों हजारों लोगों की जान को बचाने की कोशिश में लगे हैं- कोर्ट

केंद्र सरकार ने कहा कि दिल्ली सरकार के वकील की तरफ से हाई कोर्ट को जो जानकारी दी गई यह कहते हुए कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ऐसा कहा है वह गुमराह करने वाली है. केंद्र सरकार ने कहा कि जरूरत को देखते हुए 3 दिन पहले का प्लान बनाना जरूरी है जिससे कि सप्लायर को भी पता हो कि कितनी ऑक्सीजन कहां भेजनी है. केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि कहीं ना कहीं कुछ तो दिक्कत है जिसकी वजह से इतनी परेशानी हो रही है ऐसे में विशेषज्ञों के साथ बैठकर इस दिक्कत को दूर करना चाहिए. बाकी राज्यों ने भी इसी तरह से अपनी दिक्कतों को दूर किया है.

केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि रही बात टैंकर को पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधीन ले लेने की तो यह मुमकिन नहीं है क्योंकि टैंकर का इंतजाम अलग अलग राज्य अपनी जरूरत के हिसाब से और उपलब्धता के हिसाब से कर रहे हैं. केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि कोर्ट दिल्ली सरकार को निर्देश दे कि वह टैंकर का इंतजाम करें रही बात केंद्र की मदद की तो केंद्र हमेशा ही मदद के लिए तैयार है.

दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार अपनी तरफ से कोशिश कर रही है लेकिन इसके साथ ही उन्होंने केंद्र को भी मदद के लिए चिट्ठी लिखी है लिहाजा यह नहीं कहा जा सकता है कि दिल्ली सरकार कोशिश नहीं कर रही. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह बीच-बीच में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो जाता है वह भी तब जब हम सैकड़ों हजारों लोगों की जान को बचाने की कोशिश में लगे हैं. हाइकोर्ट ने कहा कि दिल्ली की परिस्थिति बहुत अलग है. कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर यह भी कह दिया है कि दिल्ली में सरकार का मतलब उपराज्यपाल है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली की स्थिति अलग है जो कि संवैधानिक तौर पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिला हुआ है.

इस बीच केंद्र सरकार के वकील ने अलग-अलग राज्यों को भेजी गई ऑक्सीजन का ब्यौरा कोर्ट के सामने रखा. केंद्र सरकार के वकील ने एक बार फिर से दिल्ली हाईकोर्ट ने दोहराया कि ऐसा नहीं है कि ऑक्सीजन की कमी है पर जरूरी यह है कि उस ऑक्सीजन का सही से इस्तेमाल हो वक्त रहते जानकारी दी जाए कि कितनी ऑक्सीजन की जरूरत है जिससे की आखिरी मौके पर होने वाली दिक्कतों से बचा जा सके.

ऑक्सीजन का इस्तेमाल सरकार नहीं बल्कि डॉक्टर करते हैं- केंद्र सरकार के वकील

केंद्र सरकार के वकील की इस दलील पर दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि ऑक्सीजन का इस्तेमाल सरकार नहीं बल्कि डॉक्टर करते हैं. केंद्र सरकार के वकील क्या कहना चाहते हैं कि क्या डॉक्टर ऑक्सीजन का सही इस्तेमाल नहीं कर रहे. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि रही बात सिस्टम फेलियर की तो वह केंद्र की तरफ से है क्योंकि केंद्र सरकार ने दिल्ली का कोटा तो तय कर दिया लेकिन यह नहीं देखा कि वह ऑक्सिजन दिल्ली तक पहुंचेगी कैसे.

दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि हमने सप्लायर से कहा कि हमको हर 2 घंटे पर टैंकर्स के मूवमेंट की जानकारी दी जाए लेकिन सरप्लायर्स ने वह देने से मना कर दिया. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि हमने जरूरत को देखते हुए यह जरूर कहा कि 10 मई तक 976 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत होगी यह भी नहीं कहा कि हमको एक हजार मैट्रिक टन चाहिए. इसी बीच केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि दिल्ली सरकार को केरल का मॉडल एडॉप्ट करना चाहिए.

दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि कल रात तक दिल्ली को 454 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली है जिसमें से 32 मेट्रिक टन हरियाणा ने दिल्ली को दी है. जितनी ऑक्सीजन दिल्ली को मिली थी लगभग लगभग सभी इस्तेमाल हो गई है.

कोर्ट को जानकारी दी गई कि पिछले 3 दिनों के दौरान दिल्ली को 400MT से ज्यादा ऑक्सीजन दी गई है जिस पर कोर्ट ने कहा कि हम को इस बात से मतलब नहीं कि कितनी ऑक्सीजन रास्ते में है महत्वपूर्ण यह है कि कितनी दिल्ली तक पहुंच चुकी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बाकी सारे राज्यों में इस तरह की दिक्कत नहीं आ रही है, क्यों!! उसकी वजह है कि उन सारे राज्यों को उनकी मांग के मुताबिक ऑक्सीजन मिल रही है.

कोर्ट ने कहा कि किसी की भी मांग पूरी तरह से पूरी नहीं हो रही. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को जो 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिल रही, जब उनको नहीं मिल रही तो वह आपको कैसे देंगे.

केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि अगर दिल्ली हाईकोर्ट सीधे तौर पर केंद्र से टैंकर का इंतजाम करने को कहती है तो इससे बाकी राज्यों के साथ भी अजीब से हालात बन जाएंगे क्योंकि फिलहाल अभी सभी राज्य अपने अपने हिसाब से टैंकर का इंतजाम कर रहे हैं. हाईकोर्ट के आदेश के बाद फिर बाकी राज्य की ऐसी ही मांग करेंगे. हमको इस मुद्दे को देश के हिसाब से भी सोच रहा होगा क्योंकि सिर्फ ऑक्सीजन सप्लाई दिल्ली में ही नहीं बल्कि पूरे देश में हो रही है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करें कि कोई भी दवाई और इंजेक्शन अपनी तय कीमत से ज्यादा कीमत पर न बिके और कालाबाजारी ना ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए. कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह हेल्पलाइन नंबर की ज़्यादा पब्लिसिटी करें. जिससे कि लोग कालाबाजारी को लेकर अपनी शिकायत उन नंबरों पर भेज सकें और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सके.

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