इस्लामाबाद। पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तरिन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF ) द्वारा बिजली दरों में बढ़ोतरी के लिए अधिक धनराशि जारी करने की मांग से देश में आगे महंगाई बढ़ सकती है। तारिन ने सोमवार को नेशनल असेंबली की उप समिति की वित्त बैठक के दौरान कहा कि पाकिस्तान को बिजली दरों में उछाल के लिए उकसाना अनुचित है क्योंकि यह देश की अर्थव्यवस्था को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।
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समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, आईएमएफ के साथ कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने परिपत्र ऋण को कम करने के लिए ऋण देने का आश्वासन दिया है, लेकिन बिजली दरों में वृद्धि की मांग समझ में नहीं आ रही है।
अगर जीडीपी में कम से कम 5 प्रतिशत की वृद्धि नहीं होती है, तो देश अगले कई वर्षों में गंभीर संकट का सामना करेगा। मंत्री ने कहा कि विकास दर में तभी सुधार होगा जब अर्थव्यवस्था, कृषि पर विशेष ध्यान देने के साथ और उद्योग को तेजी से आगे बढ़ाने की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार कर के दायरे को व्यापक बनाने की दिशा में काम कर रही है, लेकिन लोगों को मौजूदा परिदृश्य के तहत अधिक कर का भुगतान करने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, पाकिस्तान ने आईएमएफ को 1.272 खरब रुपये मूल्य के कर बढ़ाने और बिजली दरों में लगभग 5 रुपये प्रति यूनिट बढ़ाने का वादा किया है।
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