नई दिल्ली। सरकार के द्वारा देश के अंदर आईटी हार्डवेयर के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए शुरू की गयी प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (पीएलआई) के तहत कुल 19 कंपनियों ने अपने आवेदन दायर किये हैं। स्कीम के लिए 3 मार्च को अधिसूचना जारी की गयी थी। योजना में आवेदन दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल थी। योजना के पहली अप्रैल से लागू हो गयी है।
आईटी हार्डवेयर कंपनियों की श्रेणी के तहत आवेदन दायर करने वाली इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर निर्माण कंपनियों में डेल, आईसीटी (विस्ट्रॉन), फ्लेक्सट्रॉनिक्स, राइजिंग स्टार्स हाई-टेक (फॉक्सकॉन) और लावा जैसा कंपनियां शामिल हैं। कुल 19 कंपनियों में से 14 कंपनियों ने घरेलू कंपनियों के तहत आवेदन दायर किए हैं। पीएलआई योजना चार वर्ष की अवधि (वित्तीय वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2024-25) के लिए पात्र कंपनियों को भारत में उत्पादन के आधार पर प्रोत्साहन देती है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना-प्रौद्योगिकी, संचार, विधि और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग में लगी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कंपनियां से प्राप्त आवेदनों के मामले में यह बहुत बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा कि “हम आशावादी हैं और वैल्यू चेन में एक मजबूत इकोसिस्टम का निर्माण करने और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ पूर्ण एकीकरण के प्रति आशान्वित हैं, जिससे देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चिरिंग इकोसिस्टम मजबूत हो।”
मोबाइल फोन (हैंडसेट और उपकरणों) के विनिर्माण में निवेश बढ़ाने में उत्पादन से जुड़ी इस प्रोत्साहन योजना की सफलता के बाद, प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आईटी उत्पादों के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी है। प्रस्तावित योजना के तहत लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) और सर्वर शामिल किये गये हैं। योजना घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और इन आईटी हार्डवेयर उत्पादों की मूल्य श्रृंखला में बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन के प्रस्ताव भी देती है।
अगले 4 वर्षों में, इस योजना से कुल 1,60,000 करोड़ रुपए का उत्पादन होने की उम्मीद है। कुल उत्पादन में से, आईटी हार्डवेयर कंपनियों ने 1,35,000 करोड़ रुपए से अधिक के उत्पादन का प्रस्ताव दिया है, और घरेलू कंपनियों ने 25,000 करोड़ रुपए से अधिक के उत्पादन का प्रस्ताव दिया है। इस योजना से निर्यात को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। अगले 4 वर्षों में 1,60,000 करोड़ रुपए के कुल उत्पादन में से 60,000 करोड़ रुपए के ऑर्डर के निर्यात के द्वार 37 प्रतिशत से अधिक का योगदान होगा।
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