जुरासिक फिल्मों की चौथी किस्त को तारीफ़ें मिल रही है
1993 में शुरु हुई जुरासिक फिल्मों की ये चौथी किस्त है और भले ही कहानी पिछली फिल्मों से मिलती जुलती है, समीक्षकों के अनुसार जुरासिक पार्क : फॉलेन किंगडम बेस्ट जुरासिक फिल्म है
फिल्म समीक्षक – विवेक शाह जुरासिक वर्ल्ड के साथ डायनोसोर एक बार फिर से पर्दे पर वापस आ गए. जुरासिक वर्ल्ड के नाम से साल 1993 में शुरु हुए जुरासिक पार्क को साल 2015 में फिर से खुलते हुए दिखाया गया. जुरासिक वर्ल्ड नाम से बनी इस फिल्म में पिछली फिल्मों की कहानी को फिर से शुरु किया गया और 2015 में रिलीज़ हुई ‘जुरासिक वर्ल्ड’ ने रिकॉर्डतोड़ कमाई की. अब इस फिल्म का दूसरा भाग रिलीज़ हो गया है और पिछली फिल्म में आइलैंड पर पीछे छूटे डायनोसोर्स को बचाने के लिए ओवेन और क्लेयर फिर से आईलैंड पर जाने का विचार कर रहे हैं. कारण, इस आईलैंड पर एक ज्वालामुखी फूटने वाला है और इन प्राणियों को फिर से विलुप्त होने से बचाने के लिए मानवों को कुछ करना चाहिए. इसी लाइन पर ये नई फिल्म काम करेगी.
इस फिल्म के निर्देशक जे ए बेयोना और स्क्रिप्ट राइटर डेरेक कोनोली और कॉलिन ट्रेवोरो ने इस कहानी को सच्चा दिखाने के लिए खूब काम किया है. फिल्म में द्वीप से शुरु हुआ रोमांच कैसे शहर के बीच पहुंच जाता है और एक डायनो फिल्म कब हॉरर में बदल जाती है आपको पता नहीं चलता. फिल्म की कहानी पिछली फिल्म के अंत के साथ शुरु होती है. डायनो द्वीप पर एक ज्वालामुखी है और सरकार इन प्राणियों को वहां से बचा कर लाने के लिए तैयार नहीं है. दुनिया इन जानवरों को बचाने या मरने दिए जाने के बीच उलझी हुई है. एक अमीर आदमी इस मिशन को स्पॉन्सर करता है लेकिन इसके पीछे एक चाल है, डरावनी चाल जो आपको सिनेमाघर में जाकर पता चलती है.तस्वीरों में देखिए तरह तरह के डायनोसोर वैसे यही कहानी जुरासिक पार्क की दूसरी किश्त ‘द लॉस्ट वर्ल्ड’ में भी थी लेकिन इस फिल्म का पहला भाग वीएफएक्स के जादू से भरा है और आपको एक अलग दुनिया में ले जाने की क्षमता रखता है. एक तबाह पार्क, खुले घूमते डायनो, ज्वालामुखी आपको सीट में उछल जाने को मजबूर कर देगा. निर्देशक इस फिल्म में उस समय जीत जाते हैं जब आप ग्राफिक्स से बने इन जीवों से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं और हॉल में कई लोगों की आँखों में आँसू दिखे जब एक प्यारे डायनो की मौत होती है. इस फिल्म का थ्रिल वाकई आपको चौंकाता है और आप पहली बार फिल्म देखने के बाद दोबारा इसे देखना चाहेंगे क्योंकि पहली नज़र में आप समझ ही नहीं पाएंगे कि डायनो कहां से आया था. फिल्म की परफॉर्मेंस लाजवाब हैं लेकिन फिल्म के असली हीरो विज़ुअल टीम और सिनेमैटोग्राफर ऑस्कर फॉरा हैं. हालांकि इस फिल्म की कहानी बार बार आपको पिछली फिल्म की याद दिलाती है और एक फैन को इस बात से परेशानी हो सकती है कि ये फिल्म कहानी के तौर पर एक कॉपी है. फिल्म के डॉयलॉग भी कमज़ोर हैं लेकिन पहली फिल्म में दिखे डॉक्टर इयन की वापसी दमदार है. पर इस सबके बाद ये फिल्म मिस नहीं की जानी चाहिए. ये अभी तक की सभी जुरासिक पार्क फिल्मों में विज़ुअली सबसे अच्छी फिल्म है. इस फिल्म का एक सीक्वल तैयार हो रहा है तो इस फिल्म को देखना इसलिए और भी ज़रुरी हो जाता है. आप इस फिल्म को पूरे परिवार के साथ देखिए आपको निराशा नहीं होगी. (इस रिव्यू का मूल लेख अंग्रे़जी में यहां मौजूद है)
इस फिल्म के निर्देशक जे ए बेयोना और स्क्रिप्ट राइटर डेरेक कोनोली और कॉलिन ट्रेवोरो ने इस कहानी को सच्चा दिखाने के लिए खूब काम किया है. फिल्म में द्वीप से शुरु हुआ रोमांच कैसे शहर के बीच पहुंच जाता है और एक डायनो फिल्म कब हॉरर में बदल जाती है आपको पता नहीं चलता. फिल्म की कहानी पिछली फिल्म के अंत के साथ शुरु होती है. डायनो द्वीप पर एक ज्वालामुखी है और सरकार इन प्राणियों को वहां से बचा कर लाने के लिए तैयार नहीं है. दुनिया इन जानवरों को बचाने या मरने दिए जाने के बीच उलझी हुई है. एक अमीर आदमी इस मिशन को स्पॉन्सर करता है लेकिन इसके पीछे एक चाल है, डरावनी चाल जो आपको सिनेमाघर में जाकर पता चलती है.तस्वीरों में देखिए तरह तरह के डायनोसोर वैसे यही कहानी जुरासिक पार्क की दूसरी किश्त ‘द लॉस्ट वर्ल्ड’ में भी थी लेकिन इस फिल्म का पहला भाग वीएफएक्स के जादू से भरा है और आपको एक अलग दुनिया में ले जाने की क्षमता रखता है. एक तबाह पार्क, खुले घूमते डायनो, ज्वालामुखी आपको सीट में उछल जाने को मजबूर कर देगा. निर्देशक इस फिल्म में उस समय जीत जाते हैं जब आप ग्राफिक्स से बने इन जीवों से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं और हॉल में कई लोगों की आँखों में आँसू दिखे जब एक प्यारे डायनो की मौत होती है. इस फिल्म का थ्रिल वाकई आपको चौंकाता है और आप पहली बार फिल्म देखने के बाद दोबारा इसे देखना चाहेंगे क्योंकि पहली नज़र में आप समझ ही नहीं पाएंगे कि डायनो कहां से आया था. फिल्म की परफॉर्मेंस लाजवाब हैं लेकिन फिल्म के असली हीरो विज़ुअल टीम और सिनेमैटोग्राफर ऑस्कर फॉरा हैं. हालांकि इस फिल्म की कहानी बार बार आपको पिछली फिल्म की याद दिलाती है और एक फैन को इस बात से परेशानी हो सकती है कि ये फिल्म कहानी के तौर पर एक कॉपी है. फिल्म के डॉयलॉग भी कमज़ोर हैं लेकिन पहली फिल्म में दिखे डॉक्टर इयन की वापसी दमदार है. पर इस सबके बाद ये फिल्म मिस नहीं की जानी चाहिए. ये अभी तक की सभी जुरासिक पार्क फिल्मों में विज़ुअली सबसे अच्छी फिल्म है. इस फिल्म का एक सीक्वल तैयार हो रहा है तो इस फिल्म को देखना इसलिए और भी ज़रुरी हो जाता है. आप इस फिल्म को पूरे परिवार के साथ देखिए आपको निराशा नहीं होगी. (इस रिव्यू का मूल लेख अंग्रे़जी में यहां मौजूद है)
डिटेल्ड रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |