चैत्र नवरात्रि क्या है? – सरल समझ और आसान पूजा
चैत्र नवरात्रि हिन्दू कैलेंडर के चैत्र महीने में आती है, जो मार्च‑अप्रैल के बीच पड़ती है। यह नौ दिन का पर्व है, जिसमें माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा होती है। हर दिन अलग‑अलग देवी का सम्मान किया जाता है, और इस दौरान घर में साफ‑सफ़ाई, भजन‑कीर्तन और विशेष vrat (व्रत) रखा जाता है।
चैत्र नवरात्रि के प्रमुख तिथियाँ और उनका महत्व
नवरात्रि का पहला दिन आमतौर पर शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है। इस दिन को ‘शरद नवरात्रि’ नहीं, बल्कि ‘वसंत नवरात्रि’ कहा जाता है क्योंकि यह वसंत ऋतु में आता है। नौवें दिन को ‘मैया दीवाली’ या ‘विजयादशमी’ कहा जाता है, जिसमें बुरी शक्ति पर जीत का जश्न मनाया जाता है। इस दिन दुर्गा माँ का विशेष रूप ‘काली’ के रूप में पूजित किया जाता है।
घर पर चैत्र नवरात्रि की आसान पूजा विधि
1. साफ‑सफ़ाई: नवरात्रि शुरू होने से पहले घर को पूरी तरह से झाड़‑फूंक कर साफ करें। यह ऊर्जा को शुद्ध करता है। 2. कुंडली बनाना: चारों ओर घी, मिट्टी या पूजाकृतियों से कुंडली बनाकर माँ दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें। 3. भोग लगाना: हर दिन अलग‑अलग फल, मिठाई और अष्टवेदिक भोजन का भोग रखें। अक्सर केले, सत्रज और गुनगुना शरबत रखा जाता है। 4. जप और आरती: रोज़ 108 बार ‘ओं नमः शिवाय’ या ‘ऊँ राधीकृष्णाय नमः’ का जप करें। शाम को वैदेही देवी की आरती गाने के साथ करें। 5. व्रत का पालन: महिलाएं आमतौर पर कुटी‑व्रत रखती हैं, जिसमें शुद्ध जल, फल और भुजिया खाया जाता है। पुरुष भी हल्का व्रत रख सकते हैं, जैसे कि अन्नाहार।
इन सरल कदमों को अपनाकर आप घर में बिना किसी जटिलता के चैत्र नवरात्रि की पूजा कर सकते हैं।
नवरात्रि के दौरान सामाजिक कार्यक्रम भी होते हैं—भाई‑बहन का ‘रक्षाबंधन’ जैसा एक बंधन, साथ में मिलकर सामुदायिक भोजन, और मंदिरों में विशेष ‘जगन्नाथ भजन’। यदि आप बड़े शहर में रहते हैं तो स्थानीय मंडली या मंदिर में भाग ले सकते हैं; इससे आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है।
ध्यान रखें कि नवरात्रि का असली मकसद मन की शुद्धि और दुर्गा माँ को अपने जीवन में आने वाली कठिनाइयों से बचाना है। इसलिए पूजा के साथ साथ आत्म‑विचार, सकारात्मक सोच और दूसरों की मदद करना न भूलें। हर दिन को एक नए लक्ष्य के साथ शुरू करें, और नवरात्रि के अंत में खुद को नई ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे।
अगर आप पहली बार इस नवरात्रि को मनाने वाले हैं, तो ऊपर बताई गई आसान रूटीन को अपनाएँ और धीरे‑धीरे अपने अनुभव को जोड़ते रहें। समय के साथ आप देखेंगे कि कैसे यह त्यौहार आपको शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से संतुलित बनाता है।

चैत्र नवरात्रि में रंगीन साड़ी की परंपरा: माँ दुर्गा के नौ रूपों को पोशाक से सम्मानित करने का सरल तरीका
चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों को सम्मानित करने के लिये रंग‑रंगीली साड़ी पहनना एक प्राचीन रीति है। हर दिन का रंग अलग‑अलग दिव्य गुण दर्शाता है और शांति, ऊर्जा, ज्ञान या प्रेम जैसे आशीर्वाद को बुलाता है। इस लेख में रंगों की सांस्कृतिक जड़ें, पहनने के टिप्स और आध्यात्मिक लाभ विस्तार से बताए गए हैं।
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