लक्ष्य सेन ने जापान मास्टर्स 2025 में कांस्य पदक जीता, भारतीय बैडमिंटन में नया उत्साह भरा

लक्ष्य सेन ने जापान मास्टर्स 2025 में कांस्य पदक जीता, भारतीय बैडमिंटन में नया उत्साह भरा

कुमामोतो, जापान में आयोजित कुमामोटो जापान मास्टर्स सुपर 500कुमामोतो टूर्नामेंट में भारत के विश्व नंबर 15 शटलर लक्ष्य सेन ने एक ऐसा प्रदर्शन किया जिसने भारतीय बैडमिंटन के लिए एक नया अध्याय लिख दिया। जब अन्य सभी भारतीय खिलाड़ी बाहर हो चुके थे, तब लक्ष्य सेन अकेले ही टूर्नामेंट के आखिरी चरणों तक पहुंचे — और वहां से एक कांस्य पदक लौटे। यह सिर्फ एक पदक नहीं था। यह एक वापसी थी। एक ऐसी वापसी जिसने पेरिस ओलंपिक 2024 के बाद के खराब दौर को अंत दे दिया।

पहला बड़ा मुकाबला: जिया हेंग जेसन तेह के खिलाफ जीत

13 नवंबर 2025 को खेले गए दूसरे दौर के मुकाबले में लक्ष्य सेन ने सिंगापुर के विश्व नंबर 20 जिया हेंग जेसन तेह को 21-13, 21-11 से हराया। यह मुकाबला शुरू में दिल धड़का रहा था — तेह ने 10-9 की बढ़त बनाई, और कई लोग सोच रहे थे कि शायद लक्ष्य का फॉर्म फिर से गिर रहा है। लेकिन फिर वह आया — वो लक्ष्य सेन जिसने पेरिस में ओलंपिक सेमीफाइनल तक पहुंचकर दुनिया को हैरान किया था। 14-13 के बाद उन्होंने सात लगातार अंक बनाए। दर्शकों के बीच चीखें निकल गईं। गेम खत्म हुआ — और लक्ष्य ने तेह के खिलाफ चौथी लगातार जीत दर्ज की।

क्वार्टर फाइनल में लोह कीन यू को हराया

अगले दिन, 14 नवंबर, उनका सामना सिंगापुर के पूर्व विश्व चैंपियन और विश्व नंबर 10 लोह कीन यू से हुआ। यहां तक कि लक्ष्य के प्रशंसक भी डर रहे थे — क्योंकि पिछले 9 मुकाबलों में लोह कीन यू ने 6 बार जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार कुछ अलग हुआ। लक्ष्य ने अपनी एक्सपर्टिज का इस्तेमाल किया। पहले गेम में 11-3 की बढ़त बनाई। दूसरे में भी उन्होंने लगातार ब्रेक पॉइंट्स बनाए। 21-13, 21-17 का स्कोर। जीत। और सेमीफाइनल का टिकट।

सेमीफाइनल में हार, लेकिन कांस्य पदक

15 नवंबर को जापान के विश्व नंबर 13 केंटा निशिमोतो से मुकाबला था। निशिमोतो ने घरेलू दर्शकों के बीच भारी समर्थन पाया। पहला गेम 21-19 से उनका। दूसरा गेम लक्ष्य ने 21-14 से जीता — और वहां तक कि लगा जैसे फाइनल तक पहुंचने की संभावना है। लेकिन तीसरा गेम… वह बिल्कुल अलग था। निशिमोतो ने अपनी तेजी और रैकेट कंट्रोल से लक्ष्य को दबा दिया। 21-12। लक्ष्य ने हार तो मानी, लेकिन उन्होंने एक बड़ा जीत भी दर्ज किया: कांस्य पदक।

बैडमिंटन टूर्नामेंट्स में सेमीफाइनल हारने वाले दोनों खिलाड़ी कांस्य पदक साझा करते हैं। और यह एक बहुत बड़ा जीत है — खासकर जब आप पिछले 6 महीनों में लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हों।

क्यों यह पदक इतना महत्वपूर्ण है?

क्यों यह पदक इतना महत्वपूर्ण है?

लक्ष्य सेन पेरिस ओलंपिक 2024 के बाद एक बहुत खराब फॉर्म का शिकार बन चुके थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया ओपन का खिताब जीता था — लेकिन उसके बाद उनकी रैंकिंग गिर रही थी। उनके पास अब तक एक भी टूर्नामेंट जीतने का आंकड़ा नहीं था। लेकिन जापान में उन्होंने दिखाया कि वे अभी भी टॉप-10 के लिए लड़ सकते हैं। उनकी विश्व रैंकिंग में बढ़ोतरी होगी — और अगले ओलंपिक चक्र के लिए उनकी टीम के लिए यह एक बहुत बड़ा बूस्ट है।

भारतीय बैडमिंटन के लिए एक नया आशा का दीपक

इस टूर्नामेंट में लक्ष्य सेन अकेले ही भारत के पुरुष एकल शटलर थे। हेएस प्रणय दूसरे दौर में हार गए। अन्य सभी भारतीय खिलाड़ी पहले ही बाहर हो चुके थे। इसलिए लक्ष्य का यह प्रदर्शन सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि पूरे भारतीय बैडमिंटन के लिए एक रिमाइंडर था: हम अभी भी दुनिया के टॉप में खेल सकते हैं।

उत्तराखंड के अल्मोड़ा के रहने वाले 24 साल के लक्ष्य के लिए यह एक व्यक्तिगत जीत थी। लेकिन उत्तरांचल स्टेट बैडमिंटन संघ की अध्यक्ष डॉक्टर अलकनंदा अशोक ने कहा, "वह बस खेल नहीं रहे थे — वह एक अहम संदेश भेज रहे थे।" और भारतीय बैडमिंटन संघ के मुख्य कोच गोपीचंद ने तो सीधे कहा: "यह जीत उनके आत्मविश्वास को बहुत बढ़ाएगी और वह अगले ओलंपिक चक्र के लिए मजबूत उम्मीदवार बन गए हैं।"

अगला लक्ष्य: सैयद मोदी इंटरनेशनल

अगला लक्ष्य: सैयद मोदी इंटरनेशनल

लक्ष्य सेन अब दिसंबर 2025 में भारत में आयोजित सैयद मोदी इंटरनेशनल सुपर 300इंदौर टूर्नामेंट में भाग लेंगे। वहां उनका लक्ष्य स्पष्ट है: विश्व रैंकिंग में टॉप-10 में पहुंचना। अगर वे यहां भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो वे पेरिस के बाद के खराब दौर को पूरी तरह भूल सकते हैं।

Frequently Asked Questions

लक्ष्य सेन ने जापान मास्टर्स 2025 में कांस्य पदक कैसे जीता?

लक्ष्य सेन ने सेमीफाइनल में जापान के केंटा निशिमोतो को हराया, लेकिन फाइनल में नहीं पहुंच पाए। बैडमिंटन टूर्नामेंट्स में सेमीफाइनल हारने वाले दोनों खिलाड़ी कांस्य पदक साझा करते हैं। इसलिए उन्हें कांस्य पदक मिला, जो उनके लिए पेरिस ओलंपिक के बाद के खराब दौर का अंत है।

लक्ष्य सेन का विश्व रैंकिंग कैसे प्रभावित हुआ?

कुमामोटो जापान मास्टर्स सुपर 500 टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीतने से लक्ष्य सेन को 4,000 रैंकिंग अंक मिले। इससे उनकी विश्व रैंकिंग 15वें स्थान पर बनी रही, लेकिन अगले 2-3 महीनों में टॉप-10 में वापसी की संभावना है, खासकर अगर वे सैयद मोदी इंटरनेशनल में अच्छा प्रदर्शन करते हैं।

भारत के अन्य शटलर इस टूर्नामेंट में कैसे रहे?

हेएस प्रणय दूसरे दौर में डेनमार्क के रासमस गेम्के के खिलाफ हार गए। अन्य सभी भारतीय शटलर — चाहे एकल या डबल्स में — पहले ही बाहर हो चुके थे। इसलिए लक्ष्य सेन एकमात्र भारतीय खिलाड़ी थे जो सेमीफाइनल तक पहुंचे।

लक्ष्य सेन का अगला टूर्नामेंट क्या है?

लक्ष्य सेन दिसंबर 2025 में इंदौर में आयोजित सैयद मोदी इंटरनेशनल सुपर 300 टूर्नामेंट में भाग लेंगे। यह उनके लिए अगला बड़ा मौका है — विश्व रैंकिंग में टॉप-10 में जगह बनाने के लिए। यह टूर्नामेंट उनके लिए ओलंपिक क्वालिफिकेशन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।